Sawan 2017: सावन के 5 सोमवार में किसकी पूजा करने से मिलेगा क्या लाभ
आज से एक माह के लिए भक्त भगवान शिव की पूजा मे लीन हो जाएंगे। दशकों बाद ऐसा संयोग बना है कि इस बार सावन भगवान शिव के दिन सोमवार को शुरू होगा और इसका समापन भी सोमवार को ही होगा। 1990 में भी ऐसा...
आज से एक माह के लिए भक्त भगवान शिव की पूजा मे लीन हो जाएंगे। दशकों बाद ऐसा संयोग बना है कि इस बार सावन भगवान शिव के दिन सोमवार को शुरू होगा और इसका समापन भी सोमवार को ही होगा। 1990 में भी ऐसा संयोग बना था। इसे इन्दुवार हर्षण योग से भी नाम भी जाना जाता है। सावन में पूजा का विशेष महत्व है। जानिए सावन में इन पांचों सोमवार में किसकी पूजा करने से क्या लाभ मिलेगा।
- पहला सोमवार: आज सावन का पहला सोमवार है। इस दिन उतराषाढ़ नक्षत्र और वैधृति योग है। दिन के स्वामी चन्द्रमा पर बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि है। इसलिए आज का व्रत ज्ञान वृद्धि के लिए सर्वोत्तम है। आज के व्रत से व्यापारिक कार्यों में समृद्धि का योग बनेगा।
- दूसरा सोमवार: दूसरा सोमवार 17 जुलाई को होगा। इस दिन अष्टमी तिथि, अश्विनी नक्षत्र और धृति योग है। स्वामी चन्द्रमा राज्य स्थान में है। यह ब्रत राजकीय कार्यों में सफलता दिलाएगा।
- तीसरा सोमवार: तीसरा सोमवार 24 जुलाई को पड़ेगा। इस दिन प्रतिप्रदा तिथि, पुण्य नक्षत्र और सिद्धि योग है। इस दिन का व्रत दिन के स्वामी चन्द्रमा केंद्रगत शरीर पर होने से आरोग्यता एवं वंश वृद्धि के लिए उत्तम रहेगा।
- चौथा सोमवार: 31 जुलाई को सावन मास का चौथा सोमवार को पड़ेगा। इस दिन अष्टमी तिथि, स्वाती नक्षत्र और शुभ योग है। दिन के स्वामी चन्द्रमा के भूमि, भवन एवं सुख के स्थान पर से दिन के व्रत से भूमि, भवन एवं भौतिक सुख की प्राप्ति के योग हैं।
- पांचवा सोमवार : सावन माह का पांचवां और अन्तिम सोमवार सात अगस्त को होगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि, श्रवण नक्षत्र और आयुष्मान योग होगा। दिन के स्वामी चंन्द्रमा के सप्तम स्थान में होने से विवाह के योग बनेंगे। दाम्पत्य जीवन में मधुरता एवं सुख के योग बनेंगे।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)