वास्तु: नवरात्र में संपत्ति में निवेश कर रहे है तो रखें इन बातों का ध्यान, होगा लाभ
नवरात्र यानी शक्ति के नौं रूपों की आराधना का पर्व। किसी भी नए कार्य की शुरूआत करने के लिए
नवरात्र में संपत्ति में निवेश कर रहे है तो रखें इन बातों का ध्यान
नवरात्र यानी शक्ति के नौं रूपों की आराधना का पर्व। किसी भी नए कार्य की शुरूआत करने के लिए नवरात्र को मांगलिक माना जाता है। अगर आप संपत्ति में निवेश करने, मकान-दुकान, आफिस आदि खरीदने का मन बना रहे हैं, तो नवरात्र इसके लिए उपयुक्त समय है। इन दिनों किया गया छोटा निवेश भी बढ़ी सफलता दिलाता है। ऐसी संपत्ति में निवेश करें जो वास्तु नियमों के अनुरूप बनाई गई हो। वास्तु घर को न केवल शुभ फलदायी बनाता है बल्कि वहाँ कई प्रकार की सकारात्मक ऊर्जाओं का प्रवाह भी करता है। यहां हम वास्तु से ही जुडी कुछ और खास बातों का जिक्र कर रहे हैं, जिनका ध्यान रखने से न सिर्फ आपका निवेश लाभप्रद बन सकेगा, बल्कि वह आपके सर्वांगीण विकास का कारण भी बन सकेगा।
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रखें इन बातों का ध्यान
1. कुछ लोगों का मानना है कि बहुमंजिला इमारतों के स्थान पर भूखंड यानी प्लॉट में निवेश अधिक वास्तुसम्मत होता है। इसके पीछे वे तर्क देते हैं पृथ्वी की गुरूत्वाकर्षण शक्ति का। ऐसा नहीं है। बहुमंजिला इमारत में निवेश करना भी उतना ही लाभदायक है जितना भूखंड में। अगर भूखंड में गुरूत्वाकर्षण शक्ति का लाभ मिलता है तो बहुमंजिला इमारत में कॉस्मिक एनर्जी आपको वही फायदा दिलाती है।
2. दक्षिण मुखी व पश्चिम मुखी घर बेहद शुभ होते है, परंतु इनका चयन कस्टमाईस्ड वास्तु के अनुसार हो।
3. नया घर बना रहे हैं तो नीवं के लिए सही दिशा से खुदाई शुरू किया जाना नितांत आवश्यक है। ऐसा नहीं किए जाने से निर्माण में तमाम किस्म की बाधाओं का सामना करना पडता है।
4. ईशान मुखी घर उनके लिए ठीक है जो पैसे के दृष्टिकोण से जीवन व्यतीत नहीं कर रहे।
5. ऐसी प्रॉपर्टी न ले जिसका नार्थ ईस्ट और साउथ वेस्ट दोनों कटे हुए हो या इन दोनो दिशाओं में टॉयलेट हो।
6. साधारणतय: यह मान लिया जाता है कि साउथ ईस्ट यानी अग्नि कोण में रसोई होना बहुत शुभ है परंतु ऐसा सभी के लिए उचित नहीं है साउथ ईस्ट में बनी रसोई आपको धनहानि, रिलेशनशिप में कड़वाहट, क़ानूनी समस्या इत्यादि दिलवा सकती है।
7. घर के मुखिया की जन्मतिथि में उपस्थित पाँच तत्वों के अनुसार इसको उचित दिशा में बनाना चाहिए।
8. ऐसी प्रोपर्टी जिसके चारों तरफ बहता जल है या आप उसके चारों तरफ़ भ्रमण कर सकते है तो यह आपकी आर्थिक समृद्धि के लिए अति उत्तम है। जल कृत्रिम भी हो सकता है।
9. उत्तर व पूर्व दिशा में पश्चिम एवं दक्षिण की तुलना में ज्यादा खाली जगह छोडना शुभ है।
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