ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News AstrologyIf your child is timid then do these measures in the bedroom

अगर आपका बच्चा डरपोक है तो बेडरूम में करें ये उपाय

बेडरूम आपका वह स्थान जहां आप अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हें| पूरे दिन काम करने के बाद यह स्थान आपके शरीर और दिमाग को आराम और शांति प्रदान करता है| कई बार अनजाने में आप अपने बेडरूम में ऐसे प्रयोग कर...

अगर आपका बच्चा डरपोक है तो बेडरूम में करें ये उपाय
हिन्दुस्तान लाइव टीम,मुरादाबादFri, 08 Sep 2017 03:56 PM
ऐप पर पढ़ें

बेडरूम आपका वह स्थान जहां आप अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हें| पूरे दिन काम करने के बाद यह स्थान आपके शरीर और दिमाग को आराम और शांति प्रदान करता है| कई बार अनजाने में आप अपने बेडरूम में ऐसे प्रयोग कर डालते हैं जो न केवल आपके घर की सुखशांति बल्कि आपके दूरगामी जीवन पर भी विपरीत असर डालता है। वास्तु में दिखाओं का काफी महत्व होता है। इस आलेख में हम उन बिंदुओं की ओर ध्यान दिला रहे हैं कि कैसे लोगों के लिए बेडरूम की दिशा का आप पर क्या असर पड़ता है।

1. मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर होना चाहिए | अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए ।

2.  बच्चों का कमरा उत्तर – पश्चिम या पश्चिम में होना चाहिए। दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि कोण है जो मुखरता और आक्रामक रवैये से संबंधित है | इस दिशा में स्थित बेडरूम में सोने से आपके शर्मीले और डरपोक बच्चे में भी हिम्मत आ सकती है और उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा। वास्तु जानकार मानते हैं कि ऐसे कमरे में आक्रामक और क्रोधी स्वभाव के लोगों को नहीं रहना चाहिए। यह उनकी आक्रामकता को और बढ़ा सकता है।

3. मेहमानों के लिए कमरा (गेस्ट बेड रूम) उत्तर पश्चिम या उत्तर – पूर्व की ओर होना चाहिए |

4. पूर्व दिशा में बने कमरा का अविवाहित बच्चों या मेहमानों के सोने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है |

5. उत्तर – पूर्व दिशा में देवी – देवताओं का स्थान है इसलिए इस दिशा में कोई बेडरूम नहीं होना चाहिए |

6. उत्तर – पूर्व में बेडरूम होने से धन की हानि , काम में रुकावट और बच्चों की शादी में देरी हो सकती है |

7. दक्षिण – पश्चिम का बेडरूम स्थिरता और महत्वपूर्ण मुद्दों को हिम्मत से हल करने में सहायता प्रदान करता है |

8. दक्षिण – पूर्व में शयन कक्ष अनिद्रा , चिंता , और वैवाहिक समस्याओं को जन्म देता है |

9. उत्तर – पश्चिम दिशा वायु द्वारा शासित है और आवागमन से संबंधित है | इसे विवाह योग्य लड़किया के शयन कक्ष के लिए एक अच्छा माना गया है | यह मेहमानो के शयन कक्ष लिए भी एक अच्छा स्थान है |

10. शयन कक्ष घर के मध्य भाग में नहीं होना चाहिए, घर के मध्य भाग को वास्तु में बर्हमस्थान कहा जाता है | यह बहुत सारी ऊर्जा को आकर्षित करता है जोकि आराम और नींद के लिए लिए बने शयन कक्ष के लिए उपयुक्त नहीं है |

बेड रूम में इसका भी रखें खयाल

 सोते समय एक अच्छी नींद के लिए सिर पूर्व या दक्षिण की ओर होना चाहिए |

 पढ़ने और लिखने की जगह पूर्व या शयन कक्ष के पश्चिम की ओर होनी चाहिए | जबकि पढाई करते समय मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए |

 ड्रेसिंग टेबल के साथ दर्पण पूर्व या उत्तर की दीवारों पर तय की जानी चाहिए|

 अलमारी शयन कक्ष के उत्तर पश्चिमी या दक्षिण की ओर होना चाहिए |

 टीवी, हीटर और एयर कंडीशनर को दक्षिण पूर्वी के कोने में स्थित होना चाहिए |

 बेड रूम के साथ लगता बाथरूम, कमरे के पश्चिम या उत्तर में होना चाहिए |

 दक्षिण – पश्चिम , पश्चिम कोना कभी खाली नहीं रखा जाना चाहिए|

 यदि आप कोई सेफ या तिजोरी, बेड रूम में रखना चाहे तो उसे दक्षिण कि दिवार के साथ रख सकते हें, खुलते समय उसका मुंह धन की दिशा, उत्तर की तरफ खुलना चाहिए|

(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें