ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News AstrologyGovardhan Puja 2017 Know What is the significance of this festival

गोवर्धन पूजा 2017: जानिए क्या है इस पर्व का महत्व

दिवाली के अगले दिन मनाए जाने वाले गोवर्धन त्योहार को अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है। इस दिन मंदिरों में कई तरह के खाने-पीने के प्रसाद बनाकर भगवान को 56 भोग लगाए जाते हैं। इस दिन खरीफ फसलों से प्राप्त...

गोवर्धन पूजा 2017: जानिए क्या है इस पर्व का महत्व
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 20 Oct 2017 06:41 AM
ऐप पर पढ़ें

दिवाली के अगले दिन मनाए जाने वाले गोवर्धन त्योहार को अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है। इस दिन मंदिरों में कई तरह के खाने-पीने के प्रसाद बनाकर भगवान को 56 भोग लगाए जाते हैं। इस दिन खरीफ फसलों से प्राप्त अनाज के पकवान और सब्जियां बनाकर भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा कर ब्रजवासियों की भारी बारिश से रक्षा की थी। ऐसा करके श्रीकृष्‍ण ने इंद्र के अहंकार को भी चूर-चूर किया था। गोवर्धन पूजा का श्रेष्ठ समय प्रदोष काल में माना गया है। 

यह उत्सव कार्तिक माह की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोबर्धन बनाते हैं। इसका खास महत्व होता है। गोबर्धन तैयार करने के बाद उसे फूलों से सजाया जाता है। शाम के समय इसकी पूजा की जाती है। पूजा में धूप, दीप, दूध नैवेद्य, जल, फल, खील, बताशे आदि का इस्तेमाल किया जाता है। कहा जाता है कि गोवर्धन पर्व के दिन मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन लोग घरों में प्रतीकात्मक तौर पर गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा करते हैं और उसकी परिक्रमा करते हैं। 

इस दिन व्यापारी लोग अपनी दुकानों, औजारों और बहीखातों की भी पूजा करते हैं। जिन लोगों का लौहे का काम होता है वो विशेषकर इस दिन पूजा करते हैं और इस दिन कोई काम नहीं करते हैं। काफी फैक्ट्रियां बंद होती हैं। मशीनों की पूजा होती है। अन्न की पूजा के साथ इस दिन कई जगह लंगर लगाए जाते हैं। लंगर में पूड़ी, बाजरा, मिक्स सब्जी, आलू की सब्जी, चूर्मा, खीर, कड़ी आदि प्रमुख होते हैं। 

गोवर्धन पूजा 2017: पढ़िए पर्व की कथा, श्रीकृष्ण ने तोड़ा था इंद्र का अहंकार

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें