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सक्सेस मंत्र: विफलता के बाद भी हार न मानें, सफलता आपके कदम चूमेगी

फ्रेड स्मिथ की हड्डियों में बचपन से ही खराबी थी, जिस वजह से वह बैसाखियों के सहारे चलता था। फिर भी उसके इरादे बुलंद थे। वह एक ऐसी कंपनी बनाना चाहता था जिससे ओवरनाइट पैकेट डिलीवरी हो। यह काम शुरू करते...

 सक्सेस मंत्र: विफलता के बाद भी हार न मानें, सफलता आपके कदम चूमेगी
लाइव हिन्दुस्तान ,नई दिल्लीThu, 27 Jul 2017 07:49 PM
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फ्रेड स्मिथ की हड्डियों में बचपन से ही खराबी थी, जिस वजह से वह बैसाखियों के सहारे चलता था। फिर भी उसके इरादे बुलंद थे। वह एक ऐसी कंपनी बनाना चाहता था जिससे ओवरनाइट पैकेट डिलीवरी हो। यह काम शुरू करते समय उसने बड़ा जोखिम उठाया और सब कुछ दांव पर लगा दिया। शुरू के पांच साल तक उनकी कंपनी का हिसाब-किताब दिवालिएपन तक था।

उसके पास कर्मचारियों की तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं थे। फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। गाढ़े दिनों में अपने कर्मचारियों से वह बोला, 'अभी मेरे पास आपको तनख्वाह देने के लिए भी पैसे नहीं हैं, परंतु आप कंपनी छोड़कर न जाएं क्योंकि अवसर को मैंने भांप लिया है, जो शायद कोई दूसरा नहीं देख पाया।

बिजनेस की इस दुनिया में तेज रफ्तार से पत्र और पार्सल पहुंचाने के क्षेत्र में सफल होने की संभावना बहुत अधिक है, क्योंकि लोगों को इसकी बहुत जरूरत है। अन्य कोई डाक विभाग इसे इसलिए नहीं देख पाया, क्योंकि उसके पास शायद इतनी दूरदृष्टि नहीं थी। आपके सहयोग से देखना, हमारे दिन जल्दी ही बदलेंगे।' फ्रेड की बातों का असर हुआ।

निष्ठावान कर्मचारियों ने कंपनी की मदद के लिए अपनी घड़ियां और गहने तक बेच डाले। उसके बाद उन्होंने फेडरल एक्सप्रेस कंपनी की स्थापना की, जिसने ओवरनाइट पैकेट डिलीवरी शुरू की। कुछ ही दिनों में कंपनी सफलता की ऊंचाइयां छूने लगी। कभी दिवालिएपन की कगार पर खड़े फेडरल एक्सप्रेस का बिजनेस अब अरबों डॉलर में है। 

इसलिए कभी हार न मानें आपको सफलता जरूर मिलेगी।

 

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