Dhanteras 2017: इस समय खरीदें गाड़ी, जानिए कब ज्वेलरी खरीदना रहेगा शुभ
Dhanteras 2017 धनतेरस इस बार शुक्र और चंद्रमा के संयोग से खास है। शुक्र हालांकि अपनी नीच राशि में है, परन्तु शुक्र और चंद्रमा का योग ही समृद्धि के लिए शुभ है। शुक्र को धन, ऐश्वर्य और वैभव का ग्रह...
Dhanteras 2017 धनतेरस इस बार शुक्र और चंद्रमा के संयोग से खास है। शुक्र हालांकि अपनी नीच राशि में है, परन्तु शुक्र और चंद्रमा का योग ही समृद्धि के लिए शुभ है। शुक्र को धन, ऐश्वर्य और वैभव का ग्रह माना गया है। चंद्रमा तो शुभ में वृद्धि और तेज गति का कारक है। शुक्र लक्ष्मी जी का भी प्रतीक है। दोनों ग्रहों के शुभ संयोग से इस बार धनतेरस पर लक्ष्मीवर्षा होगी। धनतेरस पर जो भी निवेश करेंगे या खर्च करेंगे, लक्ष्मी जी का स्थायी वास होगा।
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस होती है। समुद्र मंथन का प्रसिद्ध प्रसंग इसी से जुड़ा है। भगवान धन्वंतरी एक हाथ में अमृत कलश और एक हाथ में आयुर्वेद का ग्रंथ लेकर प्रकट हुए थे। संदेश यही है कि स्वस्थ तन ही अमृत है। इस रात यम दीपक भी जलाया जाता है, जो घर-परिवार की मंगलकामना के लिए होता है।
- लक्ष्मी जी का प्रथम वास धातु में माना गया है।
- धातु (बर्तन, सोना-चांदी) खरीदना इसलिए शुभ है।
- इस दिन खरीद पर लक्ष्मी का स्थायी वास होता है
- इस दिन किया गया निवेश भविष्य में लाभकारी होता है
- धनतेरस पर भगवान धन्वंतरी (आयुर्वेद के देव) प्रकट हुए थे।
- समुद्र मंथन में निकले 14 रत्नों में एक रत्न धन्वंतरी का भी है।
- स्वास्थ्य, संतान, समृद्धि का ही प्रतीक पर्व धनतेरस है।
गाड़ी, इलेक्ट्रिक गुड्स
दोपहर 12:40 बजे से 2:25 बजे तकशाम 5:25 बजे से 7:03 बजे तक
प्रॉपर्टी और आभूषण
दोपहर 2:25 बजे से 3:56 बजे तकशाम 7:03 बजे से रात 9 बजे तक
Dhanteras 2017:इस समय खरीदें गाड़ी,जानिए कब ज्वैलरी खरीदना रहेगा शुभ
शुभ मुहूर्त:
प्रात: 9:18 बजे से दोपहर 1:28 रात्रि के समय
- 7:16 से 8:53 के मध्यधनतेरस पूजन
-सायं 07:19 बजे से 08:17 बजे तकप्रदोष काल
-सायं 05:45 से रात्रि 08:17 बजे तकवृषभ काल
-सायं 07:19 बजे से रात्रि 09:14 तकत्रयोदशी तिथि प्रारंभ
-मध्यरात्रि 00:26 से, 17 अक्तूबर 2017त्रयोदशी तिथि समाप्त
-सायं 00:08 बजे, 18 अक्तूबर 2017( विभोर इंदुसुत, पंडित उमेश शास्त्री, पंडित हरिदत्त शा के आधार पर)
ये भी पढ़ें: धनतेरस पर 19 साल बाद बन रहा है शुभ योग, इस तरह करें पूजा