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छठ पूजा: अर्घ्य देते समय इन 4 बातों का जरूर रखें ध्यान

लोक आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान 24 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस महापर्व में छठी मइया के साथ सूर्यदेव की आराधना जरूर की जाती है।

Meenakshiलाइव हिन्दुस्तान ,नई दिल्लीTue, 24 Oct 2017 10:00 AM

अर्घ्य देते समय इन 4 बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए

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लोक आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान 24 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस महापर्व में छठी मइया के साथ सूर्यदेव की आराधना जरूर की जाती है। कार्तिक माह की षष्ठी को डूबते हुए सूर्य और सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य को देने की परंपरा है। बिना डाला या सूप पर अर्घ्य दिए छठ पूजा पूरी नहीं होती है। शाम को अर्घ्य को गंगा जल के साथ देने का प्रचलन है जबकि सुबह के समय गाय के दूध से अर्घ्य दिया जाता है।

अलगी स्लाइड में जानें  अर्घ्य देते समय किन बातों का रखें ध्यान

अर्घ्य देते समय इन 4 बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए

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अर्घ्य देते समय इन 4 बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए

1.ताम्बे के पात्र में दूध से अर्घ्य नहीं देना चाहिए। 
2. पीतल के पात्र से दूध का अर्घ्य देना चाहिए। 
3. चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक के पात्रों से भी अर्घ्य नहीं देना चाहिए। 
4. पीतल व ताम्बे के पात्रों से अर्घ्य प्रदान करना चाहिए।

अर्घ्य के सामानों का महत्व

सूप: अर्ध्य में नए बांस से बनी सूप व डाला का प्रयोग किया जाता है। सूप से वंश में वृद्धि होती है और वंश की रक्षा भी।  

ईख: ईख आरोग्यता का घोतक है। 

ठेकुआ: ठेकुआ समृद्धि का घोतक है। 

मौसमी फल: मौसम के फल ,फल प्राप्ति के घोतक हैं। 

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