घर से कंगाली दूर करता है रोहिणी व्रत, जानें इसके बारे में
रोहिणी व्रत जैन धर्म के अनुयायी द्वारा किया जाता है। इस पूजा में जैन धर्म के लोग भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है। यह व्रत जैन महिलाओ द्वारा अपने पति की लंबी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती है।...
घर से कंगाली दूर करता है रोहिणी व्रत
रोहिणी व्रत जैन धर्म के अनुयायी द्वारा किया जाता है। इस पूजा में जैन धर्म के लोग भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है। यह व्रत जैन महिलाओ द्वारा अपने पति की लंबी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती है। जब रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय के बाद प्रबल होता है उस दिन रोहिणी ब्रत किया जाता है। इस महीने 26 मई को रोहिणी व्रत है।
घर से कंगाली दूर करता है रोहिणी व्रत
ऐसी मान्यता है कि यह व्रत महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र के लिए किया जाता है। साथ ही मां रोहिणी जातक के घर से कंगाली को दूर भगाकर सुख एवं समृद्धि की वर्षा करें, ऐसी कामना भी की जाती है। व्रत की पूजा के दौरान जातक मां से यह प्रार्थना करता है उसके द्वारा की गई सभी गलतियों को वे माफ करें और उसके जीवन में बने सभी कष्टों का हरण करें। इस व्रत के दौरान पूरे दिन भूखा रहना होता है।
पूजन विधि
इस दिन महिलायें प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करके पवित्र होकर पूजा करती हैं। इस व्रत में भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है। पूजा के लिए वासुपूज्य भगवान की पांचरत्न, ताम्र या स्वर्ण प्रतिमा की स्थापना की जाती है। उनकी आराधना करके दो वस्त्रों, फूल, फल और नैवेध्य का भोग लगाया जाता है। रोहिणी व्रत का पालन उदिया तिथि में रोहिणी नक्षत्र के दिन से शुरू होकर अगले नक्षत्र मार्गशीर्ष तक चलता है। इस दिन गरीबों को दान देने का भी महत्व होता है।
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इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।