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चमत्कारों की भूमि खुलेऊ महादेव

उत्तराखंड में कई प्राचीन मंदिर हैं। एक ऐसा ही प्राचीन मंदिर जिला पौड़ी गढ़वाल में खुलेऊ महादेव मंदिर है। ग्राम खुलेऊ-पिपली में स्थित भोलेनाथ का यह मंदिर चमत्कारिक है। कहा जाता है कि यहां से आज तक कोई...

चमत्कारों की भूमि खुलेऊ महादेव
पंकज घिल्डियालMon, 22 May 2017 11:57 PM
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उत्तराखंड में कई प्राचीन मंदिर हैं। एक ऐसा ही प्राचीन मंदिर जिला पौड़ी गढ़वाल में खुलेऊ महादेव मंदिर है। ग्राम खुलेऊ-पिपली में स्थित भोलेनाथ का यह मंदिर चमत्कारिक है। कहा जाता है कि यहां से आज तक कोई खाली हाथ नहीं लौटा। इस मंदिर में भगवान शंकर लिंग रूप में विराजमान है, जो स्वयंभू है। हजारों वर्ष पुराने इस शिवलिंग के बारे में कोई ठीक-ठीक तो नहीं बता पाता, मगर गांव के 95 वर्ष के बुजुर्ग पाती राम डोबरियाल के मुताबिक वे भी बचपन से इस मंदिर की चमत्कारिक कहानियां सुनते-देखते आ रहे हैं।

मंदिर के ठीक 200 मीटर नीचे एक जलधारा निरंतर बहती रहती है। मान्यता है कि इसका स्रोत शिवलिंग ही है। गांव में कोई बच्चा बीमार पड़ जाए तो उसे सबसे पहले इसी धारा का ताजा जल पिलाया जाता है। आसपास के गांवों के भी किसी घर में विवाह या संतान के जन्म जैसे मंगल अवसरों पर यहां आकर आशीर्वाद लेने की परम्परा है।

आज भले ही शिवलिंग पर तांबे का नाग है, मगर एक वक्त था, जब नागराज स्वयं शिवलिंग की शोभा बढ़ाते थे। गांव के कई बुजुर्ग इस बात के गवाह हैं। मंदिर के ईद-गिर्द का वातावरण प्राकृतिक सुषमा से भरपूर है। कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व भगवान शिव तपस्या के लिए यहां आए और लिंग रूप में विराजमान हो गए। पहाड़ों में कभी जंगली जानवरों तो कभी भूत-प्रेत का डर रहता था और सहारा थे एकमात्र भोलेनाथ। लोग अपनी परेशानी को मंदिर में ऐसे कहते हैं, मानों भोलेनाथ स्वयं सुन रहे हों। शिव का प्रभाव है कि इतने भूंकपों के बाद भी मंदिर टस से मस नहीं हुआ। आज से करीब पचास साल पहले गांव वालों ने एकजुट हो कर इस मंदिर को बनवाया था। मगर आज यह मंदिर जर्जर स्थिति में है। यहां अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त भंडारा करते हैं, जिसे ‘खैरात’ के नाम से जाना जाता है। पूजा के दिन सबसे पहले मंदिर में झंडा लगाया जाता है। ढोल-दमाऊ और मसकबाज की धुन में शिवजी की पूजा-अर्चना की जाती है। 

कैसे पहुंचें : दिल्ली से खुलेऊ महादेव की दूरी 260 किलोमीटर है। दिल्ली से आप सड़क या रेल मार्ग से कोटद्वार पहुंच जाएं, वहां से यह मंदिर महज 60 किलोमीटर दूर है। खुलेऊ महादेव सतपुली बाजार से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। सतपुली बाजार से यहां के लिए जीप मिल जाती है। 

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