शनि जयंती पर टाल दें यात्रा, न करें सूर्यदेव की पूजा
परिश्रम और ईमानदारी से धन अर्जित करने वालों से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। उन्हें सुख, शांति प्रदान करते हैं। शनि जयंती पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन कहीं यात्रा पर जाना हो तो इसे स्थगित कर...
शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनि जयंती से अच्छा कोई और दिन नहीं। ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। शनि जयंती को शनैश्चरी अमावस्या नाम से भी जाना जाता है। यह दिन शनिदेव के जन्म का दिवस है। इस दिन की गई पूजा और दान से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
परिश्रम और ईमानदारी से धन अर्जित करने वालों से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। उन्हें सुख, शांति प्रदान करते हैं। शनि जयंती पर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन कहीं यात्रा पर जाना हो तो इसे स्थगित कर देना चाहिए। सूर्यदेव की पूजा इस दिन न ही करें तो अच्छा है। शनि जयंती पर उपवास रखें। शनि मंदिर में तेलाभिषेक करें। जरूरतमंदों को दान दें।
तेल, लोहे की कील, काले तिल, काला कपड़ा, काले उड़द शनिदेव को अर्पित करें। शनि यंत्र की स्थापना करें। शनिदेव की मूर्ति को देखते समय उनकी आंखों में नहीं देखना चाहिए। शनिदेव की कृपा से सभी बाधाएं दूर होती हैं। उन्नति प्राप्त होती है। वाहन दुर्घटनाओं का खतरा दूर होता है। रोगियों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।