यहां देखिए, जरुर मिलेगा विदेश यात्रा का योग
हाथ में चंद्र पर्वत मनोभावों का सूचक होता है और चंद्र पर्वत से ही निकलने वाली तमाम आड़ी, तिरछी और खड़ी रेखाएं यात्रा रेखाएं होती हैं। ये वे रेखाएं हैं जिनसे जातक के जीवन में संभावित विदेश यात्राओं का...
हाथ में चंद्र पर्वत मनोभावों का सूचक होता है और चंद्र पर्वत से ही निकलने वाली तमाम आड़ी, तिरछी और खड़ी रेखाएं यात्रा रेखाएं होती हैं। ये वे रेखाएं हैं जिनसे जातक के जीवन में संभावित विदेश यात्राओं का पता लगाया जा सकता है। रेखा यदि लंबाई में अधिक है तो लंबी दूरी की यात्राएं होंगी और रेखा यदि छोटी है तो समीपस्थ स्थान की यात्रा संभावित होती है।
जीवन रेखा या आयु रेखा से निकलती हुई अथवा मणिबंध से ऊपर उठकर चंद्र पर्वत तक पहुंचने वाली रेखाएं भी यात्रा रेखाएं कहलाती है। अंगूठे के मूल से निकलकर जीवन रेखा की ओर जाने वाली अथवा जीवन रेखा में समाहित हो जाने वाली रेखाएं विदेश यात्रा की रेखाएं होती हैं। हथेली में अंगूठे के मूल क्षेत्र यानी शुक्र पर्वत पर स्थित छोटी, बड़ी तथा स्पष्ट दिखती हुई निर्दोष खड़ी रेखाएं ‘विदेश यात्रा रेखाएं’ही मानी जाती हैं।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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