गणगौर तीज पर ये उपाय करने से मिलेगी रोगों से मुक्ति
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चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा की जाती है। यह कुंवारी और विवाहिता स्त्रियों का त्योहार है। गणगौर मुख्य रूप से राजस्थान का लोकपर्व है, लेकिन देश के अन्य हिस्सों में भी इसे मनाया जाता है।
कुंवारी कन्याएं उत्तम वर के लिए तथा विवाहिता महिलाएं सौभाग्य की कामना के लिए इनका पूजन करती हैं। इस दिन सुबह पूजा के बाद तालाब, सरोवर, बावड़ी या कुएं पर जाकर मंगलगीत गाते हुए गणगौर की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
गणगौर तीज पर ये उपाय करने से मिलेगी रोगों से मुक्ति
इस दिन आप माता पार्वती का अभिषेक आम व गन्ने के रस से किया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां संपत्ति और विद्या का वास रहता है।
शिवपुराण के अनुसार, लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने से भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माता पार्वती को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।
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