51 प्रधान सिद्धपीठों में एक है यह मंदिर
चैत्र नवरात्रि शुरु हो चुकी है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। गया शहर के दक्षिणी छोर पर भस्मकुटी पर्वत पर स्थित है प्रसिद्ध मां मंगलागौरी देवी का मंदिर। भागवत पुराण के अनुसार...
चैत्र नवरात्रि शुरु हो चुकी है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। गया शहर के दक्षिणी छोर पर भस्मकुटी पर्वत पर स्थित है प्रसिद्ध मां मंगलागौरी देवी का मंदिर। भागवत पुराण के अनुसार यह मंदिर 51 प्रधान सिद्धपीठों में एक है। पालन पीठ के नाम से मशहूर इस मंदिर में महालक्ष्मी के रूप में विराजमान मां मंगला की आराधना से सभी मनोकामना पूरी होती है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मन की शांति, जीवन में मंगल और आर्थिक समृद्धि के लिए यहां आते हैं। मंदिर के गर्भगृह में वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है। इस मंदिर की प्रसिद्धि देश-विदेश तक फैली है।
पुजारी चक्रधर गिरि ने बताया कि मंदिर का निर्माण 1350 ई. माधव गिरि दंडी स्वामी जी ने कराया था। गुफानुमा मंदिर में मां सिंह पर पद्मासन की मुद्रा में आसीन हैं। मां के दर्शन और पूजन को यहां सालों भर पूजा-अर्चना करने वालों की भीड़ रहती है। नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है।