...तो ऐसे पति पत्नी में बढ़ता है प्रेम
वास्तु का प्रभाव क्षेत्र काफी बड़ा माना जाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अध्यात्म को छोड़कर भौतिक सुखों के पीछे भाग रहे लोगों के जीवन ने रिश्तों के प्रति उसे उदासीन बना दिया...
वास्तु का प्रभाव क्षेत्र काफी बड़ा माना जाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अध्यात्म को छोड़कर भौतिक सुखों के पीछे भाग रहे लोगों के जीवन ने रिश्तों के प्रति उसे उदासीन बना दिया है। वह सारे दुख भोगना तो चाहता है लेकिन जीवन शैली उसे ऐसा नहीं करने देता। जानकार मानते हैं कि वास्तु वैवाहिक जीवन पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
गृहस्थ जीवन में या व्यवहारिक जीवन में कोई भी छोटा सा कारण एक बड़े कारण में परिवर्तित हो जाता है। चाहे वह आर्थिक हो या घर के अन्य सदस्यों को लेकर हो। इसका सीधा प्रभाव पति-पत्नी के आपसी संबंधों पर पड़ता है। इसलिए घर का वातावरण ऐसा होना चाहिए कि ऋणात्मक शक्तियां कम तथा सकारात्मक शक्तियां अधिक क्रियाशील हों। यह सब वास्तु के द्वारा ही संभव हो सकता है।
घर के ईशान कोण का बहुत ही महत्व है। यदि पति-पत्नी साथ बैठकर पूजा करें तो उनका आपस का अहंकार खत्म होकर संबंधों में मधुरता बढ़ेगी। गृहलक्ष्मी द्वारा संध्या के समय तुलसी में दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियों को कम किया जा सकता है। घर के हर कमरे के ईशान कोण को साफ रखें, विशेषकर शयनकक्ष के।
पति-पत्नी में आपस में वैमनस्यता का एक कारण सही दिशा में शयनकक्ष का न होना भी है। अगर दक्षिण-पश्चिम दिशाओं में स्थित कोने में बने कमरों में आपकी आवास व्यवस्था नहीं है तो प्रेम संबंध अच्छे के बजाए, कटुता भरे हो जाते हैं।
शयनकक्ष के लिए दक्षिण दिशा निर्धारित करने का कारण यह है कि इस दिशा का स्वामी यम, शक्ति एवं विश्रामदायक है। घर में आराम से सोने के लिए दक्षिण एवं नैऋत्य कोण उपयुक्त है। शयनकक्ष में पति-पत्नी का सामान्य फोटो होने के बजाए हंसता हुआ हो, तो वास्तु के अनुसार उचित रहता है।
घर के अंदर उत्तर-पूर्व दिशाओं के कोने के कक्ष में अगर शौचालय है तो पति-पत्नी का जीवन बड़ा अशांत रहता है। आर्थिक संकट व संतान सुख में कमी आती है। इसलिए शौचालय हटा देना ही उचित है। अगर हटाना संभव न हो तो शीशे के एक बर्तन में समुद्री नमक रखें। यह अगर सील जाए तो बदल दें। अगर यह संभव न हो तो मिट्टी के एक बर्तन में सेंधा नमक डालकर रखें।
घर के अंदर यदि रसोई सही दिशा में नहीं है तो ऐसी अवस्था में पति-पत्नी के विचार कभी नहीं मिलेंगे। रिश्तों में कड़वाहट दिनों-दिन बढ़ेगी। कारण अग्नि का कहीं ओर जलना। रसोई घर की सही दिशा है आग्नेय कोण। अगर आग्नेय दिशा में संभव नहीं है तो अन्य वैकल्पिक दिशाएं हैं। आग्नेय एवं दक्षिण के बीच, आग्नेय एवं पूर्व के बीच, वायव्य एवं उत्तर के बीच।