ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News Astrology Highlightsbaisakhi is celebrated as new year

पंजाब में नए साल के तौर पर मनाई जाती है बैसाखी

बैसाखी पर आवत पौनी नाम से एक रिवाज है, इस दिन सभी लोग इकट्ठा होकर फसल काटते हैं, इस दौरान ड्रम बजाया जाता है, शाम होने के बाद लोग दोहाज गाते हैं और ड्रम की धून बजाते हैं। बैसाखी पर पंजाब के कई ज

लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 12 Apr 2017 02:32 PM

बैसाखी पर आवत पौनी नाम से एक रिवाज है, इस दिन सभी लोग इकट्ठा होकर फसल काटते हैं, इस दौरान ड्रम बजाया जाता है, शाम होने के बाद लोग दोहाज गाते हैं और ड्रम की धून बजाते हैं। बैसाखी पर पंजाब के कई जगहों पर नए साल के तौर पर मनाते हैं, वैसाखी पर मेले लगते हैं, जम्मू, कठुया, उधमपुर, सांबा और रिसी में मेला लगता है।

बैसाखी के सभी रिवाज गुरुद्वारे में पूरे होते हैं, सिख समुदाय में इसे पवित्र बाईबल मानते हैं। गुरु ग्रंथ साहिब को दूध और पानी से नहलाया जाता है। नहलाने के बाद किताब को उसके स्थान पर रख दिया जाता है। वैसाखी पर्व के संस्कार और अनुष्ठानों में पवित्र गीत गाना भी शामिल हैं, जिन्हें कीर्तन कहते हैं। वैसाखी के सभी रीति रिवाज पूर्ण हो जाने पर करहा (हलवा) प्रसाद का वितरण किया जाता है। सिख समुदाय में गुरु का लंगर भाईचारे के नाम से बांटा जाता है। लोगों को एक लाइन से बैठाकर उन्हें ताजा शाकाहारी भोजन परोसा जाता है। वैसाखी का सबसे पवित्र रिवाज होता है कि लंगर खाते वक्त सिरपर कपड़ा ढका जाता है। 

पंजाब में नए साल के तौर पर मनाई जाती है बैसाखी1 / 2

पंजाब में नए साल के तौर पर मनाई जाती है बैसाखी

इस दिन शोभायात्रा निकाली जाती है। बड़े बुजुर्ग गुरुद्वारे से पवि ग्रंथ निकालते हैं और पांच सिख पंडितों के साथ चलते हैं। कोई भी इस शोभायात्रा में हिस्सा ले सकता है, इसमें उम्र और लिंग की कोई सीमा नहीं है।  वैसाखी लोगों को मूड में लाने, डांस और भांगरा करने का  त्योहार है। इस दिन पारपंरिक डांस भागंरा किया जाता है। ढोल, नगाड़े बजाकर, रंग बिरंगे कपड़े पहनकर नृत्य किया जाता है।

वैसाखी रीति रिवाज, नृत्य, उत्सव और शोभायात्रा के अलावा अपने प्रियजनों से मिलने और उनके साथ वक्त बिताने का त्योहार है। इस दिन बहुत खास व्यंजन बनाये जाते हैं, एक दूसरे को तोहफे दिए जाते हैं। वैसाखी के दिन लोग वैसाखी के सारे नियम और परपंरा श्रद्धा और भक्ति के साथ पालन करते हैं। क्योंकि वैसाखी गुरु गोविंद सिंह के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है, इसलिए इस दिन ज्यादा तर कार्यविधि गुरुद्वारे में होती है, ये सिखों की पूजा करने की जगह है।

पढ़े : इस तरह गुरु गोबिंद सिंह ने की खालसा पंथ की स्थापना

पढ़े : जानें क्यों मनाई जाती है बैसाखी, पढ़े ये मान्यताएं

पंजाब में नए साल के तौर पर मनाई जाती है बैसाखी2 / 2

पंजाब में नए साल के तौर पर मनाई जाती है बैसाखी