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धर्म नक्षत्र: नवरात्रि, ज्योति, फेंगशुई से जुड़ी 10 खबरें

नवरात्रि की तृतीया को होती है देवी चंद्रघंटा की उपासना। चंद्रघंटा देवी मां भगवती का तीसरा स्वरूप है। मां के मस्तक पर घंटे के आकर का चंद्रमा सुशोभित है, इसीलिए इन्हें चन्द्रघंटा के नाम से पुकारा जाता...

धर्म नक्षत्र: नवरात्रि, ज्योति, फेंगशुई से जुड़ी 10 खबरें
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 29 Mar 2017 08:03 PM
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नवरात्रि की तृतीया को होती है देवी चंद्रघंटा की उपासना। चंद्रघंटा देवी मां भगवती का तीसरा स्वरूप है। मां के मस्तक पर घंटे के आकर का चंद्रमा सुशोभित है, इसीलिए इन्हें चन्द्रघंटा के नाम से पुकारा जाता है। मां चंद्रघंटा की आराधना करने वालों का अहंकार नष्ट होता है और उनको सौभाग्य, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है। ऐसी ही और भी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें:

नवरात्रि तीसरा दिन: करें मां चंद्रघंटा की उपासना, मिलेगा सौभाग्य

ऐसा माना जाता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना से मां भक्तों को सभी पाप हर लेती हैं और उसके काम के बीच आने वाली बाधाओं को नष्ट करती हैं... पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें


मनी प्लांट की सूखी हुई पत्तियां करती हैं ये संकेत...

अधिकतर घरों में मनी प्लांट रखा जाता है। कहा जाता है कि घर में धन में वृद्धि में सहयोग करता है। लेकिन घर में मनी प्लांट रखते हैं तो कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। मसलन इसे किस दिशा में रखें और किस दिशा में न रखें। इसके अलावा पौधों की देखभाल से जुड़ी भी कुछ बातों को जानना बहुत जरूरी है....पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें

गणगौर तीज पर ये उपाय करने से मिलेगी रोगों से मुक्ति
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा की जाती है। यह कुंवारी और विवाहिता स्त्रियों का त्योहार है...
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मां मनसा देवी मंदिर: मां मनसा देवी को माना जाता है वासुकी नाग की बहन
मां मनसा देवी का प्रसिद्ध मंदिर हरिद्वार से तीन किमी दूर शिवालिक पर्वतमाला पर बिलवा नामक पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर में देवी की दो मूर्तियां हैं। एक मूर्ती की पांच भुजाएं एवं तीन मुंह हैं..
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वीडियो: जानें उत्तराखंड के प्रमुख देवी मंदिरों के बारें में
अपार श्रद्धा केंद्र चंडिका मंदिर की स्थापना 400 साल पहले हुई। चंद वंशीय राजा ज्ञान चंद्र ने 1698 और 1708 में चंडिका मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। चंपावत से चंडिका मां को लाया गया।  चौरासी के गोलू देव और मां चंडिका की स्थापना भिलेश्वर पर्वत पर की गई.
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मनचाही शादी के लिए लगाइए इसका भोग
किसी से प्‍यार करते हो, लेकिन आपके घरवाले मानने को तैयार नहीं। आपकी शादी में अड़चनें आ रही हैं तो परेशान होने की जरुरत नहीं है.. 
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इस देवी मंदिर में अर्जुन ने की थी तंत्र साधना
देवबंद स्थित शक्तिपीठ श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी को तंत्र की देवी कहा जाता है। मान्यता है कि जिस स्थान पर मां श्री त्रिपुर बाला सुंदरी देवी का मंदिर है, वहां मां जगदंबा के शरीर का अंग गिरा था। ...
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नए घर में आने से पहले करें गृह प्रवेश की पूजा, जानिए क्या है महत्व

नया घर लेने से पहले घर में पूजा करवाई जाती है। अपना घर होना हर किसी के जीवन का सपना होता है और जब हम नए घर में जाते हैं तो इसी उम्मीद से प्रवेश करते हैं कि घर में हमेशा सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। इसे गृह प्रवेश की पूजा कहते हैं..पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें 

सक्सेस मंत्र: दूसरों को खुश कर ढूंढें उसी में अपनी खुशी

एक शहर के नजदीक एक होटल था। जिसका मालिक दयालु और सज्जन व्यक्ति था। नाम था रामचंद्र। होटल की आमदनी भी अच्छी थी। जिसके चलते होटल मालिक का जीवन खुशहाल था...पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें 


फेंगशुई: ऐसा हो बच्चों का कमरा, अपनाएं ये TIPS
फेंगशुई के अनुसार कहा जाता है कि बच्चों के कमरे में चीजों को इस तरह व्यवस्थित रखना चाहिए कि सही ऊर्जा का प्रवाह हो... 
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