जगद्गुरु आदिशंकराचार्य की जयंती कल
जगद्गुरु आदि शंकराचार्य अलौकिक प्रतिभा, प्रकाण्ड पाण्डित्य, प्रचण्ड कर्मशीलता के धनी थे। इस धराधाम में आज से करीब ढाई हजार वर्ष पहले वैशाख शुक्ल पंचमी को उनका अवतरण हुआ था। आदि शंकराचार्य...
जगद्गुरु आदि शंकराचार्य अलौकिक प्रतिभा, प्रकाण्ड पाण्डित्य, प्रचण्ड कर्मशीलता के धनी थे। इस धराधाम में
आज से करीब ढाई हजार वर्ष पहले वैशाख शुक्ल पंचमी को उनका अवतरण हुआ था। आदि शंकराचार्य जयंती इस बार 1 मई सोमवार को है।
असाधारण प्रतिभा के धनी आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य ने सात वर्ष की उम्र में ही वेदों के अध्ययन मनन में पारंगतता हासिल कर ली थी। उन्होंने शैशव में ही संकेत दे दिया कि वे सामान्य बालक नहीं है। सात वर्ष के हुए तो वेदों के विद्वान, बारहवें वर्ष में सर्वशास्त्र पारंगत और सोलहवें वर्ष में ब्रह्मसूत्र- भाष्य रच दिया।
उन्होंने सनातन धर्म की प्रतिष्ठा के लिए भारत के 4 क्षेत्रों में चार मठ स्थापित किए तथा शंकराचार्य पद की स्थापना करके उन पर अपने चार प्रमुख शिष्यों को आसीन किया।