शंख बजाएं और बीमारियों को दूर भगाएं
हमारे देश में पूजा-अर्चना में शंख बजाने की परंपरा युगों से चली आ रही है। शंख का प्रयोग सिर्फ पूजा-अर्चना तक ही सीमित नहीं है। फेंगशुई और वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि शंख से घर में मौजूद दोषों...
हमारे देश में पूजा-अर्चना में शंख बजाने की परंपरा युगों से चली आ रही है। शंख का प्रयोग सिर्फ पूजा-अर्चना तक ही सीमित नहीं है। फेंगशुई और वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि शंख से घर में मौजूद दोषों को दूर किया जा सकता है।
शंख की आवाज से सोई हुई भूमि जाग्रत होकर शुभ फल देने लगती है। अगर वाणी में दोष है तो शंख बजाने से लाभ मिलता है। शंख बजाने से दमा, संक्रमण, क्षय, दिल की बीमारी, पेट की बीमारी और अस्थमा आदि से भी छुटकारा मिलता है। शंख बजाने से पूरे शरीर में वायु का प्रवाह होता है, जिससे हमारा शरीर निरोगी होता है।
शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। यह दांतों के लिए भी लाभदायक है।
शंख बजाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। मुख के तमाम रोगों का नाश होता है। पेट में दर्द रहता हो, आंतों में सूजन हो, अल्सर हो तो दक्षिणावर्ती शंख में रात में जल भरकर रख दें और सुबह खाली पेट इस जल को पिया जाए तो पेट के रोग समाप्त हो जाते हैं। नेत्र रोगों में भी यह लाभदायक है।
प्रतिदिन शुभ मुहूर्त में शंख की धूप-दीप से पूजा की जाए तो घर में वास्तु दोष का प्रभाव कम हो जाता है। शंख में गाय का दूध रखकर घर में इसका छिड़काव करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शंख की ध्वनि से वातावरण में मौजूद ऐसे जीवाणु मर जाते हैं, जो अन्य किसी भी तरीके से नहीं मरते हैं। माना जाता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में होती है।