पढ़े महाभारत के कुछ अनसुने किस्से
महाभारत के कुछ ऐसे किस्से भी है कि जिन्हें आपने शायद पहले कभी नहीं सुना होगा। हम सब मानते है की शकुनि कौरवों का सबसे बड़ा हितैषी था जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं था। शकुनि ही कौरवों के विनाश का सबसे बड़ा...
महाभारत के कुछ ऐसे किस्से भी है कि जिन्हें आपने शायद पहले कभी नहीं सुना होगा। हम सब मानते है की शकुनि कौरवों का सबसे बड़ा हितैषी था जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं था। शकुनि ही कौरवों के विनाश का सबसे बड़ा कारण था। उसने ही कौरवों का वंश समाप्त करने के लिए महाभारत के युद्ध की पृष्टभूमि तैयार की थी। उसने ऐसा किया क्यों?
शकुनि ही था कौरवों के विनाश का कारण
एक साधु के कहे अनुसार गांधारी का विवाह पहले एक बकरे के साथ किया गया था। बाद में उस बकरे की बलि दे दी गई थी। यह बात गांधारी के विवाह के समय छिपाई गई थी। जब ध्रतराष्ट्र को इस बात का पता चला तो उसने गांधार नरेश सुबाला और उसके 100 पुत्रों को कारागार में डाल दिया और काफी यातनाएं दीं।
खाने के लिए उन्हें सिर्फ एक मुट्ठी चावल दिए जाते थे। एक-एक करके सुबाला के पुत्र मरने लगे। सुबाला ने अपने सबसे छोटे बेटे शकुनि को प्रतिशोध के लिए तैयार किया। रणनीति के तहत सब लोग अपने हिस्से के चावल शकुनि को दे देते थे ताकि वह जीवित रह सके। मृत्यु से पूर्व सुबाला ने ध्रतराष्ट्र से शकुनि को छोड़ने की विनती की जो ध्रतराष्ट्र ने मान ली। सुबाला ने शकुनि को अपनी रीढ़ की हड्डी के पासे बनाने के लिये कहा।
वही पासे कौरव वंश के नाश का कारण बने। शकुनि ने हस्तिनापुर में सबका विश्वास जीता और 100 कौरवों का अभिवावक बना। उसने न केवल दुर्योधन को युधिष्ठिर के खिलाफ भड़काया बल्कि महाभारत के युद्ध का आधार भी बनाया।
वरदान के कारण द्रोपदी को मिले थे पांच पति
द्रौपदी अपने पिछले जन्म में इन्द्र्सेना नाम के ऋषि की पत्नी थी। उसके पति निधन जल्दी ही हो गया था। इच्छाओं की पूर्ति की लिए उसने भगवान शिव से प्रार्थना की। भगवान शिव जब उसके सामने प्रकट हुए तो वह घबरा गई और उसने 5 बार अपने लिए वर मांगा। भगवान शिव ने अगले जन्म में उसे पांच पति दिए।