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एक नहीं पांच शरीर हैं हमारे, जानिए कौन से 

हमारे पांच प्रकार के शरीर हैं। हमारा पहला शरीर हमारा वातावरण है। अगर वातावरण ज़हरीला हो तो हमारा यह शरीर उसमें नहीं रह सकता। इसे अन्नरसमय कोष कहते हैं। भोजन केवल वही नहीं है जो हम खाते हैं। फेफड़ों...

एक नहीं पांच शरीर हैं हमारे, जानिए कौन से 
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 10 Oct 2016 01:30 PM
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हमारे पांच प्रकार के शरीर हैं। हमारा पहला शरीर हमारा वातावरण है। अगर वातावरण ज़हरीला हो तो हमारा यह शरीर उसमें नहीं रह सकता। इसे अन्नरसमय कोष कहते हैं। भोजन केवल वही नहीं है जो हम खाते हैं। फेफड़ों के लिए हवा भोजन है। पानी भी हमारे इस शरीर के लिए एक भोजन है। ऊष्मा भी एक तरह का भोजन है। अगर हम -40 डिग्री सेल्सियस के तापमान में हैं तो चाहे जितना भी भोजन क्यों ना हो हम जीवित नहीं रह पाएंगे। इसलिए ताप भी हमारे लिए भोजन है। आनंद और शांति हमारी आत्मा के लिए भोजन है। 

दूसरा है प्राणमय कोष, प्राण उर्जा। आप अनुभव कर सकते हैं कब उर्जा कम है और कब उर्जा अधिक है। अगर आप किसी ऐसे स्थान पर जाते हैं जहाँ कम उर्जा है तो आपका वहाँ से भाग जाने का मन होता है और जिस जगह उर्जा अधिक होती है आप वहां समय व्यतीत करने के इच्छुक होते हैं। आप में से कितनों का यह अनुभव है।
आप अपने शरीर में ताज़ा भोजन और डिब्बा बंद भोजन का प्रभाव महसूस कर सकते हैं। ताज़े भोजन में कई दिनों के जमे भोजन की तुलना में अधिक प्राण होते हैं। इसी तरह से ताज़े फल और सब्ज़ी में अत्याधिक पके हुए भोजन से अधिक प्राण होते हैं। तो दूसरा है प्राणमय कोष।

तीसरा है श्वास। आप अपने शरीर का ध्यान रख सकते हैं पर अगर आप सांस नहीं ले रहे तो या आपका शरीर मिट्टी में दफना दिया जाता है या राख बन जाता है। हमारे भौतिक शरीर का मूल्य श्वास से ही है। शरीर की  90 प्रतिशत टॉक्सिन्स श्वास से ही बाहर जाते हैं और केवल 10 प्रतिशत मूत्र या पसीने से।

उसके बाद है मनमय कोष- मन के विचार। क्या आप अपने मन में घटित होने वाले विचारों के प्रति सजग हैं? यह हमारे शरीर की चौथी परत है। फिर अंत में परमांनद। इस तरह हमारे पांच प्रकार के शरीर हैं 

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