आपको भी मिलेगी मनचाही सैलरी: सैलरी बढ़ाने के बारे में बात करने से पहले करें ये तैयारी
पुरुष और महिला दोनों बराबर होते हैं, आप भी यह बात न सिर्फ बार-बार कहती हैं बल्कि मानती भी हैं। पर, बात जब सैलरी की आती है, तब आपकी यह सोच कहां चली जाती है? वल्र्ड इकोनॉमिक ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट...
पुरुष और महिला दोनों बराबर होते हैं, आप भी यह बात न सिर्फ बार-बार कहती हैं बल्कि मानती भी हैं। पर, बात जब सैलरी की आती है, तब आपकी यह सोच कहां चली जाती है? वल्र्ड इकोनॉमिक ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2016 में भारत 87वें पायदान पर है। यह सच है कि 144 देशों वाली इस लिस्ट में भारत लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, पर एक सच्चाई यह भी है कि सैलरी के मामले में भारतीय कामकाजी महिलाएं अपने समकक्ष पुरुषों की तुलना में काफी पीछे हैं। इसकी एक वजह यह है कि महिलाएं सैलरी के मामले में मोल-भाव करना जानती ही नहीं हैं। चाहे मेहनत वो कितनी भी ज्यादा क्यों न करें, अपने काम में 100 प्रतिशत परफेक्ट क्यों न हों, पर वो आज भी हक से अपनी सैलरी बढ़ाने की बात करना सीख नहीं पाई हैं।
रिश्ता खराब होने का डर
लीडरशिप कंसल्टेंट सेलेना रेजवानी अपनी किताब पुशबैक: हाउ स्मार्ट वुमन आस्क एंड स्टैंड अप फॉर व्हाट दे वॉन्ट में कहती हैं,‘अधिकांश कामकाजी महिलाएं अपने बॉस से सैलरी बढ़ाने के बारे में बात करने से इसलिए बचती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से बॉस के साथ उनका रिश्ता बिगड़ जाएगा। वो इतना बड़ा रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं होतीं। पुरुष और महिला, दोनों को अपनी क्षमताओं पर शक होता है, पर पुरुष इस तरह की स्थिति का सामना बेहतर तरीके से कर पाते हैं।’ विभिन्न शोध बताते हैं कि खुद का आकलन करते वक्त पुरुष अपनी क्षमताओं को ज्यादा और महिलाएं कम आंकती हैं। इस संदर्भ में फेसबुक की सीओओ शेरिल सैंडबर्ग की बात गौर करने लायक है। शेरिल कहती हैं, ‘ऑफिस में आगे बढ़ने के लिए महिलाओं को अपना हाथ ऊपर उठाना सीखना होगा। अगर हम आगे बढ़कर जिम्मेदारियां नहीं उठाएंगे, तो हमें नई जिम्मेदारियां नहीं मिलेंगी क्योंकि पुरुष वहां पहले से ही अपना वर्चस्व जमाए हुए हैं।’
खुद की क्षमता पर भरोसा जरूरी
अगर आपके पास स्किल, जानकारी और कार्य का अनुभव है, तो सैलरी के बारे में बात करते वक्त आपको हिचकिचाने की जरूरत नहीं। इस बात को स्वीकार कीजिए कि कंपनी आपको सैलरी देकर उपकार नहीं कर रही है, बल्कि आप उस सैलरी की और उससे कहीं ज्यादा सैलरी की हकदार हैं। सैलरी को बढ़ाने के बारे में हमेशा बात की जा सकती है, इस बात को समझना और स्वीकारना जरूरी है। इसके बाद ही आप बेहतर सैलरी पाने की जद्दोजहद की तरफ बढ़ पाएंगी।
बातचीत से पहले इन पर करें गौर
- एचआर से या फिर अपने बॉस से सैलरी बढ़ाने के बारे में बात करने जाने से पहले इसकी पूरी तैयारी कर लें कि आप बात क्या करेंगी। यह ध्यान रखें कि आपकी बातें तर्कसंगत होनी चाहिए।
- यह पहले से ही जांच-परख लें कि इस बातचीत से आपको क्या फायदा हो सकता है और इससे नुकसान क्या हो सकता है।
- इस बात को समझें कि अमूमन ये जोखिम कथित तौर पर ही होते हैं। एक जगह इस कदम से होने वाले फायदे-नुकसान के बारे में लिखें और फिर निर्णय लें।
- उन प्रोजेक्ट आदि की लिस्ट बनाएं जिसमें आपका योगदान रहा है। बातचीत में अपनी उपलब्धियों और भविष्य में कंपनी को दिए जाने वाले अपने योगदान को भी जरूर शामिल करें।
ये ट्रिक्स आएंगी काम
- सैलरी बढ़ाने के लिए बात करते वक्त हमेशा शुरुआत विषम संख्या से करें। यह एक साइकोलॉजिकल ट्रिक है। सामने वाला व्यक्ति आपको सम संख्या में सैलरी ऑफर करेगा। मसलन, अगर आप चाहती हैं कि आपकी सैलरी 40 हजार हो तो सामने वाले व्यक्ति से 43 हजार सैलरी की मांग रखें।
- आप कितनी सैलरी पाना चाहती हैं और आपको कितनी सैलरी मिल रही है, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भी बातचीत करें।
- पहले सामने वाले को सैलरी ऑफर करने दें। ऐसा करने से आप सैलरी को लेकर बेहतर तरीके से तोल-मोल करने की स्थिति में रहेंगी।