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ऐसे करें अपने स्टॉकर का सामना

कोई लगातार आपका पीछा कर रहा है। आपको संदेश भेज रहा है। बदले में आपने क्या किया? अगर डर के मारे आप चुप हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इस तरह से पीछा करना यानी स्टॉकिंग एक अपराध है। क्या...

ऐसे करें अपने स्टॉकर का सामना
हिन्दुस्तान फीचर टीम,नई दिल्लीTue, 13 Jun 2017 02:57 PM
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कोई लगातार आपका पीछा कर रहा है। आपको संदेश भेज रहा है। बदले में आपने क्या किया? अगर डर के मारे आप चुप हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इस तरह से पीछा करना यानी स्टॉकिंग एक अपराध है।

क्या है स्टाकिंग 
यदि कोई व्यक्ति एकतरफा प्यार या जुनून में लगातार किसी लड़की का पीछा करता है, ठुकराने पर खुद को या लड़की को मारने की धमकी देता है या फिर पत्र लिखकर या फोन करके डराने की कोशिश करता है या एसिड डालने की धमकी देता है, तो ऐसा अपराध स्टॉकिंग की श्रेणी में आता है। इस तरह के मामले में आप बिना किसी झिझक के कानून व पुलिस की मदद ले सकती हैं। यदि कोई इंटरनेट, सोशल मीडिया या फिर मेल द्वारा आपको अभद्र व अश्लील संदेश भेजता है। इतना ही नहीं अगर कोई सोशल ग्रुप में आपकी छवि खराब करने के लिए आपके वॉल पर अभद्र व अश्लील पोस्ट डालता है तो यह सब साइबर स्टॉकिंग क्राइम के अंतर्गत आता है। ऐसे अपराधी के खिलाफ आपको कार्रवाई करनी चाहिए।
स्टॉकर या पागलों की तरह पीछा करने वाले व्यक्ति की मानसिकता ऐसी हो जाती है कि वह यह मानने को तैयार ही नहीं होता कि सामने वाला उसको स्वीकार नहीं करना चाहता। इसके विपरीत वह उस इंसान को अपनी जिंदगी का लक्ष्य बना लेता है, जिसे पाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है। कभी-कभी देखा गया है कि जो व्यक्ति पारिवारिक सहारा न होने की वजह से पहले ही अवसाद का शिकार हो, उनमें इस तरह की जुनूनी मानसिकता हो जाती है । इस तरह के लोग भावनात्मक रूप से कम और जुनूनी तौर पर ज्यादा सोचते हैं। यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि अपनी सोच और आसपास के माहौल के प्रभाव में उत्पन्न हुई एक आपराधिक प्रवृति है।

क्या कहता है कानून
हमारे देश में आपराधिक कानून, भारतीय दंड संहिता 1860 के अंतर्गत महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की जाती रही है। लेकिन निर्भया कांड के बाद मौजूदा कानून की खामियों को देखते हुए उसमें 2013 में कुछ विशेष सुधार किए गए हैं। आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2013 के अंतर्गत किसी महिला का पीछा करना, प्राइवेट जगहों पर महिला को छिपकर देखना या इंटरनेट व सोशल मीडिया के जरिए महिला को परेशान करना यानी साइबर स्टॉकिंग आदि एक्ट 354 डी के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आते हैं। इस एक्ट के प्रावधान के मुताबिक अपराधी यदि पहली बार इस तरह के कृत्य में दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल की सजा व जुर्माना हो सकता है। वहीं यदि वह व्यक्ति दोबारा इसी अपराध में दोषी पाया जाता है उसे 5 साल तक की सजा व जुर्माना हो सकता है।

स्टॉकिंग अपराध के लक्षण
अनचाहे तोहफे मिलना - यदि कोई आपको चुपके-चुपके तोहफे पहुंचा रहा है तो गुस्से में आकर ऐसे तोहफों को न फेंकें। इसके विपरीत उस तोहफे को संभाल कर रखें क्योंकि यदि मामला गंभीर होता है तो ये सभी सामान एक सुबूत के तौर पर इस्तेमाल हो सकते हैं। कई बार कुछ सनकी अपराधी डराने के लिए मरी हुई गिलहरी, खून से लथपथ पत्र आदि भेजते हैं। इन सब से डरें नहीं, इन्हें संभाल कर रखें। यदि किसी वस्तु को रखा नहीं जा सकता है तो उसकी फोटो खींच कर रिकॉर्ड में रख लें।
मारने की धमकी - यदि कोई इंटरनेट, मेल या सामने आकर आपको मारने की धमकी देता है, आपकी हर गतिविधि पर नजर रखता है, आपको जलाने, खुद को आपको दोनों को मारने या जहर की बोतल लेकर आपको अपनी बात मनवाने के लिए मजबूर करता है तो ऐसे व्यक्ति से डरें नहीं। सबसे पहले अपने परिवार और दोस्तों को इस बारे में सूचित करें और उसके बाद पुलिस के पास उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाएं।

क्या करें सुरक्षा के लिए
1 यदि आप अपने आसपास इस प्रकार की कोई भी संदिग्ध हरकत या आहट भी महसूस करती हैं तो पुलिस को बुलाने में बिल्कुल देर न करें। यदि समय रहते ऐसे व्यक्ति को पुलिस के हवाले न किया जाए तो इनके हौसले बढ़ते जाते हैं और वो कोई भी बड़ा अपराध कर सकता है। जब आप पुलिस को बुलाएं तो बिना किसी डर व घबराहट के सारी वास्तविकता उनके सामने रखें।
2   यदि आप कोई सबूत नहीं जुटा पाती हैं, फिर भी पीछा करने वाले के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। आपको कानूनी तौर पर सुरक्षा मिल जाएगी। ऐसे में यदि वह व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो उसे तुरंत हिरासत में ले लिया जाएगा। वहीं अगर आपने सारे सबूत संभाल कर रखे  होंगे तो उस व्यक्ति को तुरंत व सख्त सजा दिलाने में मदद मिलेगी।
3    यदि वह व्यक्ति आपको मेल लिखता है, चैट करता है या फोन पर मैसेज छोड़ता है, तो इन सभी सबूतों को भी संभाल कर रखें।

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