फोटो गैलरी

Hindi News अनोखी अनोखी ऑन लाइनजब इस मौसम में आए बुखार

जब इस मौसम में आए बुखार

बारिश का मौसम बीमारियों का मौसम कहलाता है। इस मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियां सिर उठाने लगती हैं। ऐसे में इन बीमारियों से बचाव के लिए उपयोगी जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी जरूरी...

जब इस मौसम में आए बुखार
फीचर टीम ,नई दिल्लीTue, 22 Aug 2017 01:11 PM
ऐप पर पढ़ें

बारिश का मौसम बीमारियों का मौसम कहलाता है। इस मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियां सिर उठाने लगती हैं। ऐसे में इन बीमारियों से बचाव के लिए उपयोगी जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी जरूरी है।

गिलोय
गिलोय भारत में व्यापक रूप से पैदा होने वाली औषधि है। इसे सामान्य तौर पर डेंगू और चिकनगुनिया बुखार में लेने को कहा जाता है। गिलोय, संक्रमण का मुकाबला करने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और चयापचय (मेटाबॉलिज्म) क्षमता को बढ़ाता है। गिलोय की पत्तियों या जड़ों को उबालने और छानने के बाद तैयार औषधीय काढ़ा जोड़ों और लिगामेंट के दर्द में त्वरित राहत देता है। गिलोय डेंगू से पीड़ित रोगियों की प्लेटलेट बढ़ाने में भी मदद करता है और चिकनगुनिया रोगियों को दर्द से राहत देता है।

पपीते के पत्ते
पपीते के पत्ते डेंगू और चिकनगुनिया के भय को लगभग खत्म करने का लाजवाब उपचार हैं। डेंगू और चिकनगुनिया के शिकंजे में आए मरीज की लगातार गिरती प्लेटलेट संख्या बड़ी समस्या होती है। पूरे विश्व में किये गये अनेक शोधों से स्पष्ट हुआ है कि युवा पपीते के पत्तों के रस का कुछ समय तक लगातार सेवन प्लेटलेट की संख्या को बढ़ाने में काफी असरदार होता है। ये फायदेमंद एंजाइमों से भरे होते हैं। ये एंजाइम न सिर्फ प्लेटलेट की संख्या को सामान्य करते हैं, बल्कि डेंगू के कारण लिवर को पहुंचे नुकसान का भी इलाज करते  हैं।

मेथी की पत्तियां
लोहा, मैंगनीज, कॉपर, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस के शक्तिशाली पोषक तत्वों से पूर्ण मेथी की पत्तियां जीवन के लिए खतरनाक डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों को राहत दिलाने के लिए जानी जाती हैं। आप रातभर पानी में मेथी को फुलाकर सुबह उस पानी का सेवन कर सकते हैं या सामान्य पानी में मेथी पाउडर मिलाकर ले सकते हैं। यह शरीर के दर्द और वायरल संक्रमण से निजात दिलाती है।

पानी
सामान्य पानी पीना प्लेटलेट गठन की प्रक्रिया को स्फूर्ति प्रदान करने में बेहद मददगार होता है, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि प्लेटलेट गठन के लिए प्रतिदिन पर्याप्त पानी पिएं। पानी की मात्रा तीन से पांच लिटर के बीच जरूर हो।

नीम
नीम एक उत्कृष्ट आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग प्राचीन काल से दवा के रूप में किया जाता रहा है। चाहे इसके काढ़े का सेवन किया जाये या शरीर पर मच्छर निरोधक के रूप में लगाया जाये, यह अत्यधिक लाभदायक है। यह डेंगू और चिकनगुनिया से राहत दिलाने में भी मददगार साबित होता है। काढ़े का लगातार सेवन न सिर्फ प्लेटलेट की संख्या बढ़ाता है, बल्कि सफेद रक्त कोशिकाओं में भी बढ़ोतरी करता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। 

विटामिन सी
विटामिन सी के सेवन से प्लेटलेट की संख्या बढ़ाई जा सकती है। डेंगू पीड़ितों के प्लेटलेट बढ़ाने के लिए संतरा, कीवी, नीबू, ब्रोकली आदि खाने की सलाह दी जाती है। इनका जूस पीना भी काफी आसान होता है।

(वैद्य रोहित पराशर से बातचीत पर आधारित) 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें