आपका रक्त संचार बेहतर करे ताड़ासन
ताड़ एक वृक्ष का नाम है, जिसकी लंबाई बहुत अधिक होती है और गोलाई बहुत कम। ताड़ासन में भी हाथों को ऊपर करके और पैरों की एड़ियों को ऊपर उठाकर शरीर को जितना खींच करके लंबा कर सकते हैं, कोशिश करते हैं। इसलिए...
ताड़ एक वृक्ष का नाम है, जिसकी लंबाई बहुत अधिक होती है और गोलाई बहुत कम। ताड़ासन में भी हाथों को ऊपर करके और पैरों की एड़ियों को ऊपर उठाकर शरीर को जितना खींच करके लंबा कर सकते हैं, कोशिश करते हैं। इसलिए इसे ताड़ासन कहते हैं।
क्या हैं लाभ
0 युवावस्था में इसका अभ्यास करने से शरीर का कद बढ़ता है, पर यह आसन बाद में भी उतना ही अधिक लाभदायक है।
0 इससे रक्त का संचार शरीर में सही ढंग से होता है। शरीर के स्नायु अधिक क्रियाशील हो जाते हैं और उनका विकास होता है।
0 लंबी सास देर तक रोकने से फेफड़ों में ताकत आती है।
0 शरीर की मांसपेशियां पुष्ट होती हैं।
0 रीढ़ की हड्डी में यदि कोई विकृति हो तो उसमें भी सुधार होता है।
0 शरीर की सुस्ती दूर होती है।
0 शरीर का कड़ापन दूर होता है।
0 इन सबके परिणामस्वरूप शरीर में शक्ति का संचार होता है।
आसन-विधि
0 सीधे खड़े होकर पैरों के पंजे और एड़ियां मिलाएं।
0 अब श्वास भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर तान दें।
0 हाथों को जितना ऊपर की ओर तान सकते हैं, तानें।
0 दोनों हाथों को कान से सटाकर रखें।
0 हथेलियों का मुंह अंदर की ओर हो।
0 पैरों की एड़ियां ऊपर उठाते हुए पंजों के बल शरीर को ऊपर की ओर खींचें।
0 दृष्टि सामने की ओर रखें।
0 इस स्थिति में अधिक से अधिक समय तक ठहरने का प्रयास करें।
0 फिर श्वास बाहर निकालते हुए एड़ियां हल्के से पृथ्वी पर रखें और शरीर को ढीला छोड़ दें।
-पवन सिन्हा, योग विशेषज्ञ